Add To collaction

लेखनी कहानी -17-Oct-2022 धन तेरस( धन त्रयोदशी) भाग 3



      शीर्षक :- धनतेरस (  धन त्रयोदशी )

      सौनू को अब अन्य त्यौहारौ के बिषय में जानने की जिज्ञासा जाग रही थी। जैसे ही दिवाली के दिन  नजदीक आये उसके घर में सफाई का अभियान चलरहा था।  सभी लोग अपने अपने काम में ब्यस्त थे। सौनू भी जानना चहता था कि अब कौनसा त्यौहार आने वाला है। सौनू को अपनी दादी की बाते सुनकर बहुत आनन्द आता था । 

      सौनू के माता पिता  आपस में बात कर रहे थे सौनू के पापा ने अपनी पत्नी को बुलाया और पूछा,"   सपना कल धनतेरस है कल क्या खरीद दारी करनी है  हमें पहले से अपना   प्लान बनाना  होगा क्यौकि कल बाजार में बहुत भीड़ होगी। अतः हम सुबह जल्दी जाकर अपनी खरीददारी करलेंगे।"

      सौनू की मम्मी बोली," पहले हम  भगवान जी के लिऐ पूजा के बर्तन खरीदेंगे और उनके लिए नयी ड्रैस भी खरीद कर लायेगे। और सामान बाद में खरीदेंगे।"

         सौनू के पापा बोले,ँ  ठीक है हम सुबह जल्दी मार्केट जायेंगे। बच्चौ के लिए नये कपडे व मिठाई भी खरीद लेंगे। "

           जब यह बात सौनू ने सुनी वह भागता हुआ अपनी दादी के पास पहुँचा और बोला," दादीजी यह धनतेरस क्या  होती है। "

       उसकी दादी उसे समझाते हुए बोली," दिवाली से दो दिन पहले त्रयोदशी को धन तेरस का त्यौहार होता है। इस दिन  भी लोग कुछ न कुछ खरीद कर लाते हो। बैसे इस दिन पीतल ताँबे के बर्तंन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

   सौनू ने दादी से पूछा," धनतेरस क्यौ मनायी जाती है। "

 दादी ने सौनू को बताया कि  जब समुदार मन्थन चल रहा था तब कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वन्तरि  अमृत का कलश लेकर निकले थे  उस समय से यह धन त्रयोदशी के नाम से मनायी जारही है ।

       इस दिन लोग लक्ष्मीजी व गणेश जी की पूजा के साथ धन के स्वमी कुबेर जी की भी पूजा करते है। यह त्यौहार दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है।

      इस दिन बाजारौ मे बहुत भीड़ होजाती है सभी लोग कुछ न कुछ खरीदना  चाहते है। कोई बर्तन खरीदता है तो कोई सोने चाँदी के गहने खरीदकर धन तेरस मनाना चाहता है।

        इस दिन बाजार को भी सजाया जाता है लोग अपने घरौ मे बिजली की लडि़या लगाकर सजावट करते हैं। रात को बहुत रौनक होजाती है। 

       धन त्रयोदशी के दिन से ही दीपावली के त्यौहार का आगवन माना जाता है क्यौकि धश त्रयोदशी के दूसरे दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है।

        इस दिन  को आयुर्वेदिक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है ।क्यौकि धन्वन्तरी  को भी आयुर्वेदिक का  ंसंस्थापक माना जाता है।
कुबेर भगवान को धनका देवता माना जाता है। इसलिए बहुतसे लोग उनकी भी पूजा करते है।

     इस तरह धन तेरस का त्यौहार  बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। बच्चे आज से ही पटाखे चलाना आरम्भ कर देते है। इसी दिन माता पिता अपने बच्चौ के लिए नये नये कफडे़ भी खरीदकर लाते है। तुम्हारे पापा भी खल तुम्हारे लिए नये कपडे़ व मिठाई लायेगे।

     धन त्रयोदसी हिन्दुऔ का प्रमुख त्यौहार है।

  30 Days Festival Competition  हेतु रचना

नरेश शर्मा " पचौरी "

19/10/२०२२



   20
7 Comments

Gunjan Kamal

22-Oct-2022 12:26 AM

शानदार

Reply

Shnaya

21-Oct-2022 06:40 PM

शानदार

Reply

shweta soni

20-Oct-2022 10:08 PM

Behtarin rachana

Reply